दुनिया के सबसे बड़े संविधान के तौर पर ख्याति प्राप्त भारतीय संविधान को आज ही के दिन स्वीकृति मिली थी. आज़ादी के तुरंत बाद ही देश के समाने सबसे बड़ी चुनौती संविधान तैयार करने की थी, जिसका जिम्मा डॉ भीमराव अंबेडकर को सौंपा गया था. 29 अगस्त 1947 को भारतीय संविधान के निर्माण के लिए प्रारूप समिति का गठन किया गया, जिसके अध्यक्ष के तौर पर बाबा साहेब को चुना गया. बाबा साहेब ने दुनिया भर के संविधानों का अध्ययन करने के उपरांत ही भारतीय संविधान का मसौदा तैयार किया.
भारतीय संविधान की सबसे रोचक बात यह है कि यह पूर्ण रूप से हस्तलिखित विश्व का सबसे बड़ा संविधान है, जो विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत को दर्शाता है. 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियों से पूरित हमारे संविधान की मूल प्रति कैलिग्राफर श्री प्रेम नारायण रायजादा ने छह महीने में दोनों भाषाओँ में लिख कर तैयार की थी और इसके लिए उन्होंने किसी प्रकार का मेहनताना भी नहीं लिया था. 26 नवम्बर, 1949 को यह मूल प्रति संविधान सभा के सदस्यों को सौंप दी गयी थी और 24 जनवरी, 1950 के दिन इस संविधान पर सभा के 284 सदस्यों ने हस्ताक्षर कर दिए थे.
आप सभी देशवासियों को संविधान दिवस की हार्दिक शुभकामानाएं. देश को एकसूत्र में पिरोने का माध्यम हमारा संविधान हर भारतीय की शक्ति है, यह हमारे देश का गौरव है. आप सभी संविधान का सम्मान करें और गणतंत्र के विकास में अपना योगदान अंकित करें, राष्ट्रवादी पार्टी यही मनोकामना करती है.